उच्चाटन पूजा
तांत्रिक षट्कर्म प्रयोगों में से एक उच्चाटन प्रयोग विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है। इसके माध्यम से किसी व्यक्ति के मन में नकारात्मक भावनाओं, गलत संगति या अनुचित आकर्षण को दूर कर, सही दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी जाती है। यह प्रयोग शत्रु के प्रति अरुचि उत्पन्न करता है और मन को अच्छे कार्यों की ओर आकर्षित करता है।
यह साधना उन लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी होती है जो दूसरों के वश में होकर अपने सही मार्ग से भटक जाते हैं, बुरी आदतों या गलत संगत का शिकार हो जाते हैं, अथवा पारिवारिक संबंधों और सामाजिक मर्यादाओं को भूलकर जीवन में अशांति ला बैठते हैं। पति-पत्नी के बीच किसी तीसरे के कारण बिगड़े संबंधों, परिवार की प्रतिष्ठा पर आए संकट या अनावश्यक धन-अपव्यय जैसी समस्याओं को भी इस प्रयोग से दूर किया जा सकता है।
जन्मकुंडली में प्रतिकूल ग्रहों के कारण उत्पन्न मानसिक तनाव, घरेलू कलह और आर्थिक परेशानियों को समाप्त करने के लिए भी उच्चाटन साधना कारगर मानी जाती है। यह व्यक्ति को गलत संबंधों और अनैतिक प्रेम संबंधों से विरक्त कर सही मार्ग पर लौटने में मदद करती है।
उच्चाटन प्रयोग का प्रभाव इतना अद्भुत माना गया है कि इसके द्वारा न केवल दरिद्रता और अशांति को दूर किया जा सकता है, बल्कि धन-संपत्ति पर गलत कब्जा करने वालों से मुक्ति भी मिल सकती है। इस साधना के उपरांत मनुष्य अनुचित मोह से दूर होकर जीवन में संतुलन, शांति और सम्मान की प्राप्ति करता है।