माँ बगलामुखी में होने वाली क्रियाए, हवन व पूजन

Anushthan Pooja Baglamukhi mandir

अनुष्ठान पूजा

माँ बगलामुखी का अनुष्ठान शत्रुओं के नाश, कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता, राजनीति में स्थायित्व, गुप्त शत्रुओं से रक्षा, सम्मोहन, आकर्षण, उच्चाटन, कर्ज से मुक्ति, न्यायालय संबंधी बाधाओं को दूर करने और सर्वत्र विजय प्राप्ति के लिए किया जाता है, जिससे भक्त को बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी जीवन समस्याओं का समाधान मिलता है।
आकर्षण पूजा

आकर्षण पूजा

जीवन में सबसे बड़ी शक्ति आकर्षण शक्ति मानी जाती है, जिसके द्वारा व्यक्ति दूसरों को अपनी ओर आकर्षित कर मनचाहा कार्य करवा सकता है। माना जाता है कि माँ बगलामुखी की कृपा से यह शक्ति साधक को प्राप्त होती है और इसे तंत्र के प्रथम प्रयोग, यानी आकर्षण प्रयोग, के माध्यम से हासिल किया जा सकता है।
उच्चाटन पूजा

उच्चाटन पूजा

किसी भी कार्य की सफलता मन की एकाग्रता और समर्पण पर निर्भर करती है, क्योंकि दिल से किया गया काम ही सार्थक परिणाम देता है। लेकिन जब मन में भटकाव, विवाद, नकारात्मक सोच या शत्रुओं की बाधा आ जाती है, तो सफलता रुक जाती है। ऐसे अवरोधों को दूर करने के लिए उच्चाटन उपाय सहायक माने जाते हैं।
तंत्र पूजा

तंत्र पूजा

तंत्र में मुख्यतः छह क्रियाएँ मानी गई हैं – वशीकरण, मोहन, विद्वेषण, उच्चाटन, मारण और स्तम्भन। इनका अर्थ है किसी को अपने वश में करना, सम्मोहित करना, दो लोगों के बीच गलतफहमी या दुश्मनी उत्पन्न करना, मन को विचलित करना, शत्रु को नष्ट करना तथा मंत्रों की शक्ति से घातक परिस्थितियों या वस्तुओं से रक्षा करना।

लक्ष्मी पूजा

मनुष्य जीवन में सुख-सुविधाओं का आनंद लेने के लिए धन सबसे आवश्यक माना जाता है, क्योंकि धन के बिना जीवन दुखमय और कठिन हो जाता है। इसी कारण माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का विशेष महत्व है। माँ बगलामुखी की अधिष्ठात्री शक्ति लक्ष्मी को प्रसन्न रखने और उनकी कृपा बनाए रखने हेतु साधना एवं तंत्र-साबर पूजा प्रयोगों को अपनाना लाभकारी माना जाता है।

वशीकरण पूजा

वशीकरण तंत्र वह प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से किसी के मन और मस्तिष्क को अपनी इच्छानुसार प्रभावित किया जा सकता है। इसके द्वारा असम्भव लगने वाले कार्य भी पूरे किए जा सकते हैं। हालांकि, इस विद्या का प्रयोग सदैव सही और सकारात्मक कार्यों के लिए ही करना चाहिए, तभी इसका वास्तविक लाभ मिलता है।
विद्वेषण पूजा

विद्वेषण पूजा

विद्वेषण तंत्र का अर्थ है दो लोगों के बीच द्वेष या मनमुटाव उत्पन्न करना। यह षट्कर्म तंत्र की अंतिम क्रिया मानी जाती है, जिसका प्रभाव अक्सर रिश्तों पर नकारात्मक रूप में दिखाई देता है। इसके कारण आपसी झगड़े, साझेदारियों का टूटना या वैवाहिक विवाद और तलाक तक की स्थिति बन सकती है।
शत्रु नाशक पूजा

शत्रु नाशक पूजा

यदि शत्रु जीवन को कष्टकारी बना दें, कोर्ट-कचहरी या पुलिस के झंझटों से परेशान होना पड़े, प्रतिस्पर्धी चैन से जीने न दें और शत्रु का भय हर समय सताने लगे, तो ऐसी स्थिति में माँ बगलामुखी की पूजा व अनुष्ठान अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं। इस पूजन से शत्रु का प्रभाव दूर होकर साधक को शांति और सुरक्षा प्राप्त होती है।

सम्मोहन तंत्र पूजा

सम्मोहन एक ऐसी विधा है, जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति या वस्तु को अपनी इच्छा अनुसार प्रभावित किया जा सकता है। इसमें व्यक्ति को अर्धचेतन अवस्था में लाया जाता है, जो स्वप्न और समाधि की स्थिति से मिलती-जुलती होती है। माना जाता है कि इस प्रयोग से मनुष्य अपनी विभिन्न इच्छाओं और मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकता है।

हवन पूजा

माँ बगलामुखी हवन का बड़ा महत्व है क्योंकि माता अपने भक्तों के सुख-दुख में हमेशा साथ रहती हैं और उनकी हर ज़रूरत का ध्यान रखती हैं। उनके प्रति पूर्ण आस्था और विश्वास रखने वाले भक्तों पर माँ की कृपा सदैव बनी रहती है।

इनकी पूजा और हवन से जीवन में मनचाही चीजें प्राप्त होती हैं और संपूर्ण सुरक्षा मिलती है। माँ बगलामुखी की उपासना से शत्रु पराजित होते हैं और भक्तों का जीवन सफल होता है।

स्वर्ण ओर रजत श्रृंगार

माँ बगलामुखी के कई स्वरूप होते हैं। कहा जाता है कि वे समुद्र के बीच मणिमय द्वीप पर बहुमूल्य रत्नों से सुसज्जित सिंहासन पर विराजमान हैं। देवी त्रिनेत्रा हैं, माथे पर अर्धचन्द्र धारण करती हैं और पीले रंग के वस्त्र और फूलों की माला पहने रहती हैं। उनका शारीरिक वर्ण भी पीला होता है और उनके आभूषण पीले रंग के तथा रत्नमय होते हैं। देवी विशेष रूप से पीले रंग के चंपा फूल और हल्दी की गांठ की माला धारण करती हैं और रत्नमय रथ पर सवार होकर शत्रुओं का संहार करती हैं। माँ को पीला रंग बहुत प्रिय है, इसलिए माँ बगलामुखी माताजी का शिंगार स्वर्ण और रजत से होता है। नवरात्रि, माँ बगलामुखी जयंती, राष्ट्रीय दिवस और अन्य विशेष अवसरों पर उन्हें तीन रंगों की चुनरी ओढ़ाकर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस प्रकार विषेश दिनों पर माँ का भव्य और मनमोहक शिंगार किया जाता है।

में पंडित शंभु गुरु मां बगलामुखी उपासक सर्व सिद्ध पीठ मां बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा जिला आगर मालवा मध्य प्रदेश पिछले 10 वर्षों से मां बगलामुखी मंदिर में हवन पूजन यज्ञ अनुष्ठान आदि पुजा पाठ करवाता रहा हूं बचपन से ही मां बगलामुखी के प्रति मेरी आस्था रही मां की कृपा से भगवती बगलामुखी माई के मंदिर में हवन पूजन अनुष्ठान करने का सोभाग्य प्राप्त हुआ

पंडित शम्भू गुरु

बगलामुखी मंदिर, नलखेड़ा

माँ बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा का इतिहास

माँ बगलामुखी का मंदिर मध्य प्रदेश के आगरा मालवा जिले के नलखेड़ा नगर में लखुंदर नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। यह मंदिर पांडव कालीन बहुत प्राचीन माना जाता है, जहाँ माता की स्वयंभू प्रतिमा गर्भगृह में विराजमान है।

मंदिर की महत्ता और चमत्कारिक शक्तियों के कारण यहाँ हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। लोग अपनी समस्याओं के समाधान, शत्रु निवारण, सफलता और समृद्धि के लिए माँ बगलामुखी की पूजा और हवन करते हैं। यह स्थान आस्था और शक्ति का केंद्र माना जाता है जो भक्तों के जीवन में सुख-शांति लेकर आता है।

माँ बगलामुखी के भक्त की महिमा

पिताम्बरा बगलामुखी, आप परम विद्या की वास्तविक स्वरूप हैं और तीनों लोकों की जननी हैं। आप मुसीबतों का नाश करने वाली, शत्रुओं की जिव्हा को त्रिशूल से कलंकित कर नष्ट करने वाली त्रिशूलधारिणी हैं। जब से मैंने आपके मंदिर आकर दर्शन किए हैं, मुझे आत्मशक्ति प्राप्त हुई है, आँखों से अंधकार दूर हुआ है और लड़खड़ाते कदम ठोस हो गए हैं। धर्मग्रंथ भी यही कहते हैं कि आप वीरों की भूषण और शत्रुओं का नाश करने वाली माता हैं।

आप आदिशक्ति हैं और यह ज्ञान मुझे देर से मिला, कि आप शत्रुओं का संहार करने वाली त्रिशूलधारिणी हैं। आपके द्वार पर जो भक्त रोता हुआ आता है वह हँसता हुआ जाता है। संसार में इसी कारण कहा जाता है— "तुम बगलामुखी सर्वेषां दुष्टानां त्वां च मुखं पदम स्तब्धं करोति, जिह्वां कीलयति, बुद्धिं विनाशयति तथा तारणं करोति।" आप स्थिर हैं, मायाजाल को समाप्त करने वाली हैं और सभी संकटों से रक्षा करने वाली हैं।
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