माँ बगलामुखी में होने वाली क्रियाए, हवन व पूजन
अनुष्ठान पूजा
माँ बगलामुखी अनुष्ठान: शत्रु नाश और जीवन की समस्याओं का समाधान पंडित शंभु गुरु (माँ बगलामुखी के अनुभवी गुरु और उपासक) द्वारा संपन्न किए जाने वाले माँ बगलामुखी अनुष्ठान विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है, जो जीवन की समस्याओं से मुक्ति, शत्रुओं पर विजय, कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता और मानसिक शांति प्राप्त करना चाहते हैं। माँ बगलामुखी, जिन्हें पीतांबरा और ब्रह्मास्त्र विद्या के नामों से भी जाना जाता है, अपने भक्तों को सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति दिलाती हैं। यह अनुष्ठान विशेष रूप से शत्रु नाश, वशीकरण, शांति, और सफलता के लिए प्रसिद्ध है।
विद्वेषण पूजा
विद्वेषण पूजा: शत्रुओं के दमन और बाधाओं से मुक्ति का उपाय विद्वेषण पूजा शत्रुओं से उत्पन्न बाधाओं को समाप्त करने और उनके गलत प्रभावों को निष्प्रभावी करने के लिए की जाती है। यह पूजा देवी की शक्तियों का आह्वान कर विरोधियों के बुरे इरादों को पलटने और अपने जीवन में शांति स्थापित करने में सहायक है। मुख्य लाभ: – शत्रुओं के षड्यंत्र और नकारात्मक प्रभावों का अंत
उच्चाटन पूजा
उच्चाटन पूजा: शत्रु प्रभाव को समाप्त करने का शक्तिशाली उपाय उच्चाटन पूजा जीवन में शत्रुओं द्वारा उत्पन्न रुकावटों, नकारात्मक ऊर्जा, और बुरी शक्तियों को समाप्त करने के लिए की जाती है। यह पूजा विशेष रूप से उन परिस्थितियों में प्रभावी है, जब कोई व्यक्ति शत्रुओं के अत्याचार, बुरी नजर, या असफलताओं का सामना कर रहा हो। माँ बगलामुखी की कृपा से इस पूजा द्वारा सभी बाधाएं दूर होती हैं।
सम्मोहन तंत्र पूजा
सम्मोहन तंत्र पूजा: प्रभाव और आकर्षण बढ़ाने का दिव्य साधन सम्मोहन तंत्र पूजा एक विशेष तांत्रिक उपाय है, जो व्यक्ति की वाणी, व्यक्तित्व और उपस्थिति में अद्वितीय आकर्षण लाने के लिए की जाती है। यह पूजा दूसरों के मन पर सकारात्मक प्रभाव डालने और रिश्तों में सामंजस्य स्थापित करने में सहायक है। यह तंत्र देवी की कृपा से भक्त को मानसिक शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
तंत्र पूजा
तंत्र पूजा: जीवन की समस्याओं का रहस्यमय समाधान तंत्र पूजा प्राचीन भारतीय परंपरा का एक विशेष अंग है, जो देवी-देवताओं और ब्रह्मांडीय शक्तियों को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। यह पूजा विशेष तांत्रिक विधियों का उपयोग करती है और शत्रु नाश, बाधा निवारण, वशीकरण, धन प्राप्ति, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए जानी जाती है। तंत्र पूजा भक्त की ऊर्जा को जागृत करती है और उसे उसके जीवन में संतुलन और सकारात्मकता लाने में मदद करती है।
शत्रु नाशक पूजा
शत्रु नाशक पूजा: शत्रुओं से मुक्ति और जीवन में शांति का उपाय शत्रु नाशक पूजा विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए की जाती है जो जीवन में शत्रुओं के षड्यंत्र, ईर्ष्या, या अन्य नकारात्मक प्रभावों से परेशान हैं। यह पूजा देवी बगलामुखी और अन्य शक्तिशाली देवताओं की कृपा से शत्रुओं के प्रभाव को समाप्त कर, व्यक्ति के जीवन में शांति और सुरक्षा लाने में सहायक है।
लक्ष्मी पूजा
लक्ष्मी पूजा: धन, समृद्धि और सुख-शांति का स्त्रोत लक्ष्मी पूजा हिन्दू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण पूजा मानी जाती है, जो विशेष रूप से माता लक्ष्मी, धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी, के आशीर्वाद से जुड़ी होती है। यह पूजा विशेष रूप से दीवाली जैसे शुभ अवसरों पर की जाती है, लेकिन किसी भी समय जब व्यक्ति अपने जीवन में समृद्धि और सुख-शांति चाहता है, तब यह पूजा की जाती है। लक्ष्मी माता की पूजा से घर में धन, समृद्धि, सुख और शांति का वास होता है।
वशीकरण पूजा
वशीकरण पूजा: इच्छाओं की सिद्धि और प्रभावी संबंधों का उपाय वशीकरण पूजा एक विशेष तांत्रिक पूजा है, और दूसरों पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए की जाती है। यह पूजा प्रेम, रिश्तों, और व्यक्तिगत या व्यावसायिक संबंधों में सुधार लाने के लिए अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। वशीकरण पूजा के माध्यम से व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के मन को आकर्षित करने, उनके विचारों पर नियंत्रण पाने और रिश्तों में सामंजस्य स्थापित करने में सक्षम होता है।
आकर्षण पूजा
आकर्षण पूजा: सकारात्मक ऊर्जा और प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए आकर्षण पूजा एक तांत्रिक पूजा है, जिसका उद्देश्य व्यक्ति के व्यक्तित्व में आकर्षण और प्रभाव बढ़ाना है। इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में इच्छित परिणामों को आकर्षित करने, दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने और रिश्तों में मजबूती लाने में सक्षम होता है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए कारगर होती है, जो अपने व्यक्तित्व और सामाजिक प्रभाव को बढ़ाना चाहते हैं।
हवन पूजा
हवन पूजा: शुद्धता, समृद्धि और सुख की प्राप्ति का उपाय हवन पूजा एक प्राचीन भारतीय अनुष्ठान है, जिसे अग्नि को माध्यम बनाकर देवी-देवताओं की पूजा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस पूजा में विशेष सामग्री जैसे हवन सामग्री, घी, और मंत्रों का उच्चारण कर अग्नि में आहुति दी जाती है। हवन पूजा से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
स्वर्ण ओर रजत श्रृंगार
माँ बगलामुखी का दिव्य स्वरूप और शृंगार
माँ बगलामुखी देवी, समुद्र के मध्य स्थित मणिमय द्वीप में, अमूल्य रत्नों से सुसज्जित सिंहासन पर विराजमान हैं। देवी त्रिनेत्रा हैं और उनके मस्तक पर अर्धचंद्र का सौंदर्य सुशोभित है। उनका शारीरिक वर्ण पीला है, जो ऊर्जा और दिव्यता का प्रतीक है। देवी ने पीले वस्त्र धारण किए हैं और पीले फूलों की माला से अलंकृत हैं। देवी के आभूषण भी पीले रंग के हैं और ये अमूल्य रत्नों से जड़ित हैं।
माँ बगलामुखी को पीले रंग से संबंधित वस्तुएँ अत्यंत प्रिय हैं, जैसे चंपा के फूल, हल्दी की गाँठ आदि। देवी एक रत्नमय रथ पर आरूढ़ होकर शत्रुओं का नाश करती हैं। माँ के शृंगार में स्वर्ण और रजत का विशेष महत्व है। माँ का शृंगार नवरात्रि, माँ बगलामुखी जयंती, और राष्ट्रीय पर्वों पर विशेष श्रद्धा और उल्लास के साथ किया जाता है। इन अवसरों पर माँ को तीन रंगों की चुनरी ओढ़ाकर दिव्य शृंगार किया जाता है।
शंभु गुरु जी का आशीर्वाद
माँ बगलामुखी की पूजा और विशेष अनुष्ठानों में शंभु गुरु जी का नाम विशेष आदर के साथ लिया जाता है। शंभु गुरु जी, जो माँ बगलामुखी मंदिर के परम भक्त हैं, अनुष्ठान, विद्वेषण, उच्चाटन, सम्मोहन, वशीकरण, आकर्षण, लक्ष्मी साधना, और शत्रु नाशक पूजा जैसी अनेक तांत्रिक साधनाएँ माँ की कृपा प्राप्त करने के लिए करते हैं।
गुरु जी के निर्देशन में माँ बगलामुखी की विशेष पूजा-अर्चना और शृंगार, श्रद्धालुओं को देवी की कृपा और शत्रुनाशक शक्ति का आभास कराते हैं। पंडित शंभु गुरु के मार्गदर्शन में भक्त माँ के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट कर, उनके आशीर्वाद से अपने जीवन में सुख, समृद्धि और विजय प्राप्त करते हैं।
पंडित शंभू गुरु, प्राचीन बगलामुखी मंदिर के एक समर्पित और अनुभवी साधक हैं, जो सदियों पुरानी तांत्रिक परंपराओं और आध्यात्मिक विधाओं के संवाहक हैं। उन्होंने अपने जीवन को मां बगलामुखी की साधना और मानवता की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। पंडित शंभू गुरु की साधना और ज्ञान का उद्देश्य लोगों को उनके जीवन की कठिनाइयों से मुक्त कराना और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर एक नया मार्ग दिखाना है आध्यात्मिक विधाओं में निपुणता पंडित शंभू गुरु मां बगलामुखी की कृपा से निम्नलिखित अनुष्ठानों और तांत्रिक साधनाओं में निपुण हैं: अनुष्ठान विशेष प्रकार के पूजा-पाठ जो जीवन में शांति और उन्नति लाते हैं। विदेशण और उच्छाटन नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं को दूर करने की पद्धतियां। सम्मोहन और वशीकरण आकर्षण और मानवीय संबंधों को सशक्त बनाने के लिए तांत्रिक उपाय। शत्रु नाशक अनुष्ठान शत्रुओं से सुरक्षा और जीवन में विजयी होने का मार्ग। लक्ष्मी पूजन और अकर्षण पूजा धन, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए विशेष अनुष्ठान। गुरु का उद्देश्य
पंडित शंभू गुरु का उद्देश्य केवल आध्यात्मिक समस्याओं का समाधान करना नहीं, बल्कि समाज में शांति, उन्नति, और आत्मिक संतोष स्थापित करना है। वे हर व्यक्ति को मां बगलामुखी की शक्ति से जोड़ने के लिए तत्पर रहते हैं, ताकि जीवन में हर बाधा को पार किया जा सके।
संपर्क करें
यदि आप मां बगलामुखी की कृपा प्राप्त करने के लिए किसी भी पूजा या अनुष्ठान के लिए मार्गदर्शन चाहते हैं, तो पंडित शंभू गुरु आपके लिए उपलब्ध हैं। उनके माध्यम से मां की कृपा और दिव्यता का अनुभव करें।
माँ बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा का इतिहास
अर्थात है पिताम्बरा बगलामुखी आ परम विद्या हो तीनो लोक की जननी हो मुसीबतों का नाश करने वाली हो शत्रु की जिव्हा को किलिल करने वाली त्रिशूल धारणी है। भगवती आप ही हो जब से में आप के मंदिर आकर आप के दर्शन किये तब से मुझे आत्म शक्ति मिल गई है आखो से अंधेरा हट गया है लड़खड़ाते पाँव में खड़े रहने की शक्ति आ गई है। जब ही तो धर्म ग्रंथ कहते है कि आप वर दे शप्रिया वीर भूषण भूषिता हो।
तुम आदिशक्ति हो यह ज्ञान बहुत देर बाद मिला तो शत्रुओ का नाश करने वाली त्रिशूल धारणी हो, तुम्हारे द्वार पर जो भक्त रोते हुए आता ओर हस्ते हुए जाता है बहुत देर से ज्ञात हुआ संसार मे इस लिए कहते है तुम बगलामुखी सर्वेति दुस्टानाम त्वाचमे च मुखं पदम स्तम्येति जिव्हांकीलय बुद्धि मत विनाशये ति तारणच स्थिर स्थिर मायान्ततो वदेत।
तुम कालाछी कालिका काली धवानन सुंदरी हो।
इस लिए विश्व के समस्त तांत्रिक तुम्हारे चरणों में माथा टेक तंत्र प्रयोग करते है में दिन हु, दुखी भयभीत हु,अज्ञानी हु। मंत्र जप आदि के विधान से परिचित नही हु। केवल चरणों मे आराधना के लिए केवल पुष्प लाया हूं। अश्रुओं की धारा लाया हूं। इस अश्रुधारा से कहि तेरे पवित्र चरण भीग नही जाए, इसलिए मंदिर की चोखट पर बेठकर अश्रुधारा बहा रहा हु। मेरे परिवार को संकट से बचा के मेने आचार्यो, संतो एव भक्त्तों से सुना है कि तुम सिद्ध विद्या, सिद्ध माता, सिद्ध सिद्धस्वरूपिणी हो। हरा हरिप्रिया हारा हरिणी हाटयुक तथा हरिरूपा, हरिधार, हरिगाक्षि, हरिप्रिया हेलुप्रिया है तुरता हित हिट स्वरूपणी हो। क्षमा क्षमा क्षिता क्षुद्रघष्टाविमषणा हो। इन्द्रप्रिया च इंद्राणी इन्द्रप्रस्त निवासिनी इन्द्राक्षी इन्द्रव्रजा च इन्द्रम धोक्षणि हो।
अध्वेद एवं द्वैत का ज्ञान मुझे समझ नही आया। निर्गुण सगुण की परिभाषा नही समझ पाया। ज्योतिषियो के बताए गए ग्रह दोषों को समाप्त करने के लिए धन लुटा चुका हूं। मगर लाभ के स्थान हानि उठा रहा हु। संकटों का पहाड़ का स्वरूप बढ़ता ही चला जा रहा है। टोटके तंत्रों से आस्था टूट चुकी है तेरे चरणों को अब पढ़कर सत्य कर रहा हूं मां अब मैं कहीं नहीं भट्ट को तेरे चरण तब तक नहीं छोडूंगा जब तक आप प्रसन्न हो मेरे परिवार को संकटों से मुक्त नहीं करोगी क्योंकि तुम परब्रह्मा स्वरूपा हो तुम श्री श्रींकारा महाविद्या श्रद्धा वती हो आप खाली करा ली कालिया चकला दैत्य विनाशिनी हो मां मुझे अब तो शत्रु से बचा लो पुराण स्मृतियां दर्शन शास्त्र तंत्र शास्त्र आपके गुणगान का 24 घंटे जब करते रहते हैं मैं तो बालक मेरी विनती को स्वीकार लो आर्थिक संकटों से बचा लो शत्रुओं ने चारों तरफ से घेर लिया है आप नहीं तो कौन बचाएगा क्योंकि आप दुर्गा शिवा शांति करी ब्रह्माणी ब्राह्मण प्रिया हो पितांबरा परिधाना पीतगंधनुलेवना मां अब मुझे आशीर्वाद देकर सारे संकटों से मुक्त कर दो यही मेरी प्रार्थना है।
मैं पंडित शंभु गुरु मां बगलामुखी मंदिर में 10 वर्षों से हवन पूजन जाप अनुष्ठान पुजा करवाता आ रहा हूं बचपन से ही मेरे आस्था और विश्वास मां के प्रति रही है जिससे मां बगलामुखी की कृपा मेरे पर बनी जिससे मां के प्रांगण में हवन पूजन जाप अनुष्ठान पुजा करने का आशीर्वाद प्राप्त हुआ माता की कृपा आज तक इतनी रही की मां के दरबार में आज तक किसी ने कोई किसी प्रकार की पुजा करवाईं मां भगवती बगलामुखी की कृपा से 100 प्रतिशत रिजल्ट मिला
जय माता दी भक्तजनों
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