स्वर्ण ओर रजत श्रृंगार

माँ बगलामुखी के अनेक स्वरूप हैं। कहा जाता है कि देवी माँ बगलामुखी समुद्र के मध्य स्थित मणिमय द्वीप पर अमूल्य रत्नों से सुसज्जित सिंहासन पर विराजमान हैं। वे त्रिनेत्रा स्वरूप की हैं, जिनके मस्तक पर अर्धचन्द्र है और शरीर का वर्ण पीला है। देवी पीले वस्त्र और पीले फूलों की माला पहनती हैं, जिनके अन्य आभूषण भी पीले रंग के एवं रत्नों से जड़े हुए होते हैं।

माँ विशेष रूप से चंपा फूल, हल्दी की गांठ जैसे पीले रंग के तत्वों की माला धारण करती हैं। वे रत्नमय रथ पर सवार होकर शत्रुओं का संहार करती हैं और उन्हें पीली वस्तुएँ अत्यंत प्रिय हैं।

इस कारण माँ बगलामुखी का स्वर्ण और रजत से शिंगार किया जाता है। नवरात्रि, माँ बगलामुखी जयंती, राष्ट्रीय दिवस और अन्य विशेष पर्वों पर माँ को तीन रंगों की चुनरी ओढ़ाकर भव्य रूप से सजाया जाता है। इन अवसरों पर माँ का विशेष शिंगार किया जाता है।

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